मंगला मुखी (भाग-15) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi

Post View 23 नाश्ता समाप्त हो गया तो वीथिका जूठे बर्तन उठाकर रसोई में जाकर रख आई और दुबारा आकर कदम्ब के बगल में बैठ गई। भीतर ही भीतर उसे बहुत डर लग रहा था क्योंकि वह अम्मा का स्वभाव जानती थी। अम्मा अपने आगे किसी की न तो सुनती हैं और चलने देती हैं। … Continue reading मंगला मुखी (भाग-15) – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral stories in hindi