मन को भिगो दिया – कंचन श्रीवास्तव
Post View 5,861 हर कोई शाम अपनी रंगीन करने ही तो आता है, ‘ हलक के नीचे शराब का आखिरी घूंट उतारते हुए रीमा बोली ‘ बता तुझे अभी दूं या और चढ़ा दूं थोड़ा।और मुड़ते हुए तिरछी नज़र से देखा। तो देखते ही हैरान हो गई। आने वाला शख्स दरवाजे के बाहर चप्पल उतार … Continue reading मन को भिगो दिया – कंचन श्रीवास्तव
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