मैं क्यों चुप रही? – विभा गुप्ता

Post View 2,645  कभी-कभी सबकुछ जानते हुए भी हम चुप रह जाते हैं।अपनी चुप्पी को कभी परंपरा तो कभी संस्कार का नाम दे देते हैं और फिर बाद में पछताते हैं कि काशः हम बोल दिये होते।           छोटा- सा मेरा परिवार था।दादी,पापा,माँ, दीदी और मैं।पापा की आमदनी में हम सभी बहुत खुश थें।दादी के नाम … Continue reading मैं क्यों चुप रही? – विभा गुप्ता