लांग ड्राइव – प्रियंका त्रिपाठी ‘पांडेय’

Post View 1,786 बादल गरज गरज कर बरस रहे थे। खिड़की के सामने खड़ी नीकिता की आॅ॑खे भी आज बरस रही थी। रोते रोते नीकिता अतीत मे खो गई। “अमन क्या बात है आज आप समय से पहले ही आफिस आ गए।” नीकिता ने अधरो पर मुस्कान बिखेरते हुए कहा। “हाॅ॑ नीकिता…वो मुझे तुमसे कुछ … Continue reading लांग ड्राइव – प्रियंका त्रिपाठी ‘पांडेय’