क्या सितम है कि हम लोग मर जायेंगे. – कंचन सिंह चौहान : Moral Stories in Hindi
Post View 261 सुबह 6 बजे से यह शेर गूँज रहा है दिल-ओ-ज़ेहन में. अम्मा और मौसी यूँ किसी देश, किसी शहर तो छोड़िये किसी गाँव के भी इतिहास में इनका नाम दर्ज़ होने वाला नहीं. लेकिन ये दोनों अपने पिता द्वारा किये गये ‘गिलहरी प्रयास’ का सफल रूप रहीं. उनके पिता यानी नाना जी. … Continue reading क्या सितम है कि हम लोग मर जायेंगे. – कंचन सिंह चौहान : Moral Stories in Hindi
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