Post View 7,551 पार्वती अपनी ही धुन में चली जा रही थी। अचानक पीछे से कड़कड़,कड़कड़ बजने की आवाज़ सुनकर वह चिंहुक पड़ी “अहा!!! नयी टेक्नोलॉजी के युग में उसके बचपन वाला ये खिलौना?” उसने पलटकर देखा तो एक वृद्ध पंखे की तरह खिलौने को घुमा रहा था और उससे कड़कड़ की ध्वनि निकल रही … Continue reading खुद्दारी – कल्पना मिश्रा
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