किसी की उम्मीद ना टूटने देने की खुशी – संगीता अग्रवाल
Post View 889 ” चल ना यार गोलगप्पे की प्रतियोगिता करते हैं बहुत दिन हो गए गोलगप्पे खाये ” श्रुति की सहेली दिव्या ने कॉलेज से वापिस आते हुए कहा। ” देख ले हार जाएगी हमेशा की तरह ” श्रुति ने उसे आगाह किया। ” अरे जा जा ” दिव्या बोली। ” भईया खिलाना गोलगप्पे … Continue reading किसी की उम्मीद ना टूटने देने की खुशी – संगीता अग्रवाल
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed