किराए का घर – तृप्ति शर्मा

Post View 290 सारा घर पोटली बने हूए सामान से घिरा हुआ था तभी राघव की आवाज़ आई, “जानवी ओ जानवी समेट लिया घर, बांध लिया सारा सामान तुमने?,” जानवी सोचती रह गई, “समेट लिया घर”  ये वाक्य उसके दिमाग में बार बार आता जाता रहा। अभी जैसे कल की ही बात हो वह अपने … Continue reading किराए का घर – तृप्ति शर्मा