ख्वाब जो बिखर गये (भाग 2) – रीमा महेंद्र ठाकुर
Post View 32,702 निहारिका बैचेनी से चहलकदमी कर रही थी ! धीरे धीरे अन्धेरा बढ रहा था , अब तो उसे डर भी लग रहा था , उसके कदम समीर के रुम की ओर बढ गये । तभी सामने से आता दिखा समीर , वो दौड़कर समीर के गले लग कर रो पडी, समीर … Continue reading ख्वाब जो बिखर गये (भाग 2) – रीमा महेंद्र ठाकुर
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