खुशियों की तलाश – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

Post View 1,177 सब कुछ है, पर न जाने क्यों हमारा ही घर खुशियां तलाशता रहता है, मन ही मन रमा सोच रही थी। फिर हिम्मत कर महेश से बोली, “सुनो जी! विभू नए लैपटॉप के लिए बोल रहा है।” “अभी दो साल पहले ही तो उसे लैपटॉप दिलवाया था, नए की क्या जरूरत है?” … Continue reading खुशियों की तलाश – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi