नही संजय,ये नही हो सकता।
मैं एबॉर्शन नही करवाऊंगी, चाहे तुम कुछ भी कह लो।
यह कहते हुए लीला रोने लगी।
संजय ने उसे बड़े प्यार से समझाते हुए कहा,मेरी बात सुनो लीला, ये बच्चा तुम्हारे जीवन से ज्यादा जरूरी नही।
हम दोनों हैं एक दूसरे को प्यार करने के लिए एक दूसरे का ख्याल रखने के लिए।
जब डॉक्टर ने कह दिया कि इस बच्चे को गर्भ में रखने से तुम्हारी जान को खतरा हो सकता तो तुम्हें एबॉर्शन कराना ही होगा।
लीला ने कहा,संजय तुम मेरी बात नही समझ रहे हो।एक स्त्री का माँ बनना जीवन का सबसे बड़ा सुख और माँ नही बन पाने के लिए मिलने वाले ताने सबसे बडा गाली होता है।
और मैं किसी भी कीमत पर ये गाली नही सुनना चाहती।
संजय ने कहा,तुम पागल हो गयी हो।लोगों की बात का परवाह कर तुम जान जोखिम में नही डाल सकती,तुम्हारे इस जीवन पर एक पति होने के नाते मेरा भी अधिकार है।
तुमको हम दोनों के प्यार की कसम चलो एबॉर्शन करवाओ।
लीला #खून_के_आँसू पीते हुए एबॉर्शन करवाने के लिए डॉक्टर के चैम्बर की तरफ चल पड़ी।
रूचिका राय
सीवान बिहार