खँडहर का मन—कहानी -देवेंद्र कुमार
Post View 692 घने जंगल में एक खँडहर था। अंदर और बाहर सब तरफ झाड़-झंखाड़ से घिरा हुआ। खँडहर से कुछ दूर से एक कच्ची सड़क गुजरती थी। वह कोई मेन रोड नहीं थी, इसलिए उस सड़क से आने-जाने वाले लोग भी बहुत कम थे। अक्सर बैलगाड़ियां, घोड़गाड़ी या फिर कभी-कभी भूले भटके कोई कार … Continue reading खँडहर का मन—कहानी -देवेंद्र कुमार
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