क्या ये सही है ? – संगीता अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

New Project 42

“सविता…सविता कहां हो तुम भई …तौलिया तो लाओ जरा बारिश ने भी हद कर दी जब देखो बरस पड़ती है इंसान काम करे तो कैसे!” दिनेश जी घर में घुसते ही बोले। वो आवाज़ दे पत्नी का इंतज़ार कर रहे थे कि … ” छम…छम…!” अचानक उनके कानों में आवाज़ आईं। ” अरे ये घुंघरू … Read more

खानदान की इज्जत – लक्ष्मी कानोडिया   : Moral Stories in Hindi

New Project 44

कौशल प्रसाद जी शहर में एक बड़े व्यवसाई थे। उनका शहर में जुराबों का कारखाना था। उनके दो बेटी एवं एक बेटा था। एक बेटी की उन्होंने शादी कर दी थी और बेटा बाहर पढ़ने गया हुआ था। उनके इंश्योरेंस आदि के अन्य काम भी चलते रहते थे जिनके कार्य के लिए उनके घर पर … Read more

खानदान की इज्जत – चम्पा कोठारी   : Moral Stories in Hindi

New Project 45

भुवनेश्वरी बुआ बाल विधवा थी लगभग 16 वर्ष मैं उन्होंने  अपने पति  को खो दिया था। 40 वर्ष पूर्व जब रेखा का विवाह हुआ था तब बुआ 45 वर्ष की रही होंगी।पति की मृत्यु के बाद ससुराल  पक्ष की गरीबी और प्रताडना  से ब्यथित होकर बुआ ने मायके  की राह पकड़ी।वहाँ भी दुखी माता पिता … Read more

ओछी सोच….. – अमिता कुचया   : Moral Stories in Hindi

New Project 47

शाम का समय था एकदम से रजनी को आया देख मां बहुत खुश हुई ,तब रजनी से आश्चर्य से पूछा -अरे रजनी न फोन, न कोई मैसेज आज अचानक आना कैसे हुआ! तब रजनी बोली -“मां मैनें मौसी जी से भैया की तबियत का सुना तो मुझसे रहा न गया मुझे तो शादी में आना … Read more

खानदान की इज्जत – डाॅ संजु झा   : Moral Stories in Hindi

New Project 68

कभी-कभी अपनी  संतान ही  खानदान  की इज्जत  में दाग लगा देती है, फिर  गलती का एहसास  होने पर उस कलंक को धोकर  खानदान की इज्ज़त  में चार चाँद  भी लगा देती है।नीना जैसी युवती की ऐसी ही कहानी है।नीना दफ्तर से आकर कमरे में मेज पर पड़ी चिट्ठी को देखकर पूछ बैठती है -“माँ!यह चिट्ठी … Read more

कच्चे धागों का पक्का बंधन – प्राची अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

New Project 48

बीना जी सुबह से ही देख रही थी कि उनकी बड़ी बहू रागिनी काफी उदास है। सावन का महीना चल रहा है। तीज का त्यौहार भी आने वाला है इसलिए वह अपनी दोनों बहुओ को साज श्रृंगार का सामान और साड़ी कपड़े की शॉपिंग कराना चाहती थी। बीना जी का मानना था की बहू बेटियां … Read more

गुमशुदा इश्क – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

New Project 96

  आप लाली है क्या…..? अचानक पीछे से आवाज आई…  हां – हां , नहीं – नहीं …. हडबडाते और लड़खड़ाते हुए शब्दों से माला कुछ पूछना चाहती थी….!  पर साथ में चल रहे मलय भैया ने बड़े स्पष्ट रूप से कहा …नहीं यहां कोई लाली नहीं है… इसी बीच अनायास ही माला ने पूछ लिया … Read more

झूठी इज्जत – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

New Project 66

मीनाक्षी दोपहर  बाद राजमा उबलने के लिए रख ही रही थी कि तभी डोर बेल बजी। वह जल्दी से कुकर गैस पर रखकर दरवाजा खोलने गई। दरवाजे पर उसके जेठ नंदलाल और जेठानी मंदिरा खड़ी थी।  उसने दोनों को अंदर आने के लिए कहा। अंदर आने पर उसने उनके पांव छुए और बैठने के लिए … Read more

मान सम्मान – ऋतु गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

New Project 69

ससुराल से घर आई बेटी नयना ने जैसे ही सूटकेस के साथ घर में अकेले प्रवेश किया उसकी मां मधु का माथा ठनक गया। वह अपनी बेटी का चेहरा पढ़ने की कोशिश करने लगी पर उन्हें कुछ खास समझ नहीं आया ,पर मां का दिल कहे या जिंदगी का अनुभव उन्हें अपनी लाडली का यूं … Read more

खानदान की इज्जत – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 40

वक्त कितना बदल गया है…और इस बदलते वक्त ने #खानदान की इज्जत #की परिभाषा को भी कितना बदल दिया है..नव्या आज इतने अच्छे रिश्ते को ना करने में जरा भी संकोच नहीं किया शुभम आईटी सेक्टर में इंजीनियर देखने में हैंडसम अच्छा छोटा परिवार शादी डॉट कॉम से बात चली थी… नव्या भी एमबीए कर … Read more

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