कलावा – डॉ. ओंकार त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi
Post View 5,541 मां! मैं मेरा नाश्ता सुबह 8:00 बजे तैयार कर देना मुझे बहुत जरूरी काम से बाहर जाना है, कहते हुए स्पर्श अपने कमरे में चली गई। कल तो छुट्टी है बेटी। कल इतनी जल्दी कहां जाना है ? मां ने पूछा पर स्पर्श ने कोई जवाब नहीं दिया। शायद उसने सुना ही … Continue reading कलावा – डॉ. ओंकार त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi
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