कलंक – अनिल कुमार.   : Moral Stories in Hindi

Post View 7,048 “सोहमजी…मम्मीजी…..बचाईए….” ममता की दर्दभरी पुकार सुनकर सोहम और वृंदाजी,दोनो आवाज की दिशा मे भागे। आवाज वृंदाजी के कमरेसे आ रही थी। दोनो जब दरवाजेके नजदीक आए तब उन्हे महसुस हुआ की दरवाजा अंदर से बंद है। सोहम बिना समय गवाये दरवाजेको धक्का देने लगा। ममता की आवाज सुनकर आसपडोस वाले भी जमा … Continue reading कलंक – अनिल कुमार.   : Moral Stories in Hindi