कागज के फूल – सुधा शर्मा

Post View 470 वसुधा का मन बेचैन था।बहुत कोशिश करती खुद को बहलाने की पर बार बार खूबसूरत यादें आकर फिर उसे ले जाती थीं अपने आगोश में जहाँ राज के प्यार के एहसास से, उसकी आवाज की गूँज, उसके शब्दो से फिर बार बार बेचैन हो उठती।                कैसे वह उसे नीरस उदास शुष्क दुनिया … Continue reading कागज के फूल – सुधा शर्मा