कभी फ़ुर्सत मिले तो: – मुकेश कुमार (अनजान लेखक)
Post View 3,800 वकील साहब कभी फ़ुर्सत मिले तो… चल साले ज़ुबान लड़ाएगा वकील साहब से? पुलिस घसीटते हुए ले जा रही है योगेश को। पसीना-पसीना हो उठ कर बैठ गए वकील साहब। उनकी पत्नी को मालूम था, इसके बाद वकील साहब को दोबारा नींद नहीं आती है। बिस्तर से निकल कर चाय बनाने लगी … Continue reading कभी फ़ुर्सत मिले तो: – मुकेश कुमार (अनजान लेखक)
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