Post View 69,420 प्रिया बड़बड़ाते हुए सूटकेस में कपड़ें रख रही थी। मुकुल ने उसे बिना कुछ कहे ही टिकट पकड़ाई। क्योंकि वह जानता था इस समय कुछ भी कहना आ बैल मुझे मार ही होगा। टिफिन उठाया और चुपचाप दुकान के लिए निकल गया। प्रिया के चचेरे भाई की बेटी की शादी थी। छुट्टियाँ … Continue reading जीवन के रंग-मधु जैन
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