जीवन का सवेरा (भाग -7 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

Post View 1,645 “जल्दी से फ्रेश हो लो। मैं खाना लगाती हूँ। खुद भी भूखे रहो और सबको भूखा रखो।” बोल क़र बड़बड़ाती हुईं राधा किचन की ओर बढ़ गई। “और सब लोग सो गए हैं। सबने खाना खा लिया था ना।” आरुणि अपनी सहेलियों के साथ अंदर आती हुई पूछती है। “हाँ सबने खाना … Continue reading जीवन का सवेरा (भाग -7 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi