जाको राखे साईंयां मार सके न कोय – कमलेश राणा 

Post View 254 बात उस समय की है,,जब तक मंडीदीप इंडस्ट्रियल एरिया नहीं बना था,,जहाँ आज सैकड़ों चिमनियां धुँआ उगल रहीं हैं,,वहाँ सीताफल का जंगल हुआ करता था,,   दीपावली के समय जब सीताफल की आंखें खुल जातीं तो हम उन्हें तोड़ कर पेड़ों के झुरमुटों में छुपा देते,,दो-तीन दिन बाद जब वो पक जाते … Continue reading जाको राखे साईंयां मार सके न कोय – कमलेश राणा