इंसानियत का फ़र्ज़ – रेणु गुप्ता

Post View 355 “मम्मा, मैंने आपसे कल भी कहा था, मैं ऐनी आंटी और उनकी बेटियों को इस हालत में छोड़कर इंडिया नहीं लौटूंगी। फिर आप मुझे यहां से निकालने के लिए इंडियन ऐंबेसी से बार-बार बातें क्यों कर रही हैं? यहाँ अंकल के बिना आंटी की हालत बहुत खराब है। वह बहुत कमजोर दिल … Continue reading इंसानियत का फ़र्ज़ – रेणु गुप्ता