हमें इंतज़ार कितना ये हम नही जानते – कंचन सिंह चौहान : Moral Stories in Hindi
Post View 896 खाना जल्दी से बना के रख देना है। वर्ना किचेन में ही आ के बैठ जायेगा। और एक बार बात शुरू होगी तो खतम ही नही होगी। फिर दीदी गुस्सा होंगी। किचेन में ही बैठकी जम जाती है तुम्हारी। वो खाना बना कर बाहर बराम्दे मे ऐसी जगह बैठी है, जहाँ से … Continue reading हमें इंतज़ार कितना ये हम नही जानते – कंचन सिंह चौहान : Moral Stories in Hindi
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