किस्मत से लड़ाई – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

“राजस्थान “के ‘जयपुर’ में “रामगढ़” नाम का एक छोटा सा’गांव’ था—। उसी गांव में मदनेश्वर नाम का लड़का अपनी बुढ़ी मां “सरला” और पत्नी “दिव्यांगना” के साथ हंसी-खुशी जीवन व्यतीत कर रहा था— । पुरखों की थोड़ी बहुत जमीन थी जिससे उनका गुजारा ठीक-ठाक से हो जाता–।  अम्मा जी खाना लगाती हूं— रात काफी हो … Read more

तिरस्कार – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

      अरे ओ सुदर्शन……मेरी गाड़ी तो जरा धो धा के एकदम से चमक दो…. क्या महाराज ….कहां जाना है…? समधी के समधी के घर …..! मतलब मुस्कान बिटिया के ससुर के साथ उनकी बहू के मायके जाना है….।      अरे तू तो बहुत समझदार हो गया है सुदर्शन…..खुश होते हुए देवदत्त जी ने कहा…!    रिटायर्ड देवदत्त जी … Read more

बहू का दर्द – बिंदेश्वरी त्यागी : Moral Stories in Hindi

घर के सभी सदस्यों के खाना खाने के बाद था कि हरि सोनाली अपने लिए खाना परोसने जाती है l परंतु उसने देखा रोटी के डिब्बे में दो ही रोटियां हैं और सब्जी तो बिल्कुल भी नहीं है l 3:00 बज चुके थे भूख जोर से लगी थी इसलिए वह सब्जी के बर्तन से रोटियां … Read more

दिखावा जरूरी है… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

…”देखो रवि सारी हमारी पसंद की चीजें हैं… मां हमसे कितना प्यार करती है…  मैंने उससे तुम्हारी पसंद के बारे में… एक बार जिक्र भर किया था.… उसने तो लगता है सबका सब रट डाला…!”  रवि ने पैकेट में से एक सोंठ का लड्डू उठाकर… अपने मुंह में रखा और अनमने ढंग से चलते हुए … Read more

आशा मैडम – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

हमारे पड़ोस में रहने वाली एक तलाक शुदा टीचर आशा मेडम का देहांत हो गया। 35 साल नोकरी करके के बाद सरकारी स्कूल से सीनियर टीचर के पद से सेवा निवृत्त होकर अकेली जीवन बिता रही थीं। उसके निधन के वक्त ओर बाद मे कोई भी रिस्तेदार नही पहुंचा। अंतेष्टि /किर्या करम के सारे कार्य … Read more

सब्जी का भाव – हरी दत्त शर्मा : Moral Stories in Hindi

“पचास बार कहा है कि सब्जी खरीदना मेरे वश का नहीं है, न तो मुझे भाव ताव करना आता है और ना ही छाँट बीन करना “ मैं भिनभिनाया हुआ था, “खरीद भी लाऊं तो तुम हजार मीनमेख निकाल देती हो। कोई ठेल बाला आए तो उससे खरीद लेना या शाम को बाजार हो आना। … Read more

कर्मयोगी – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

      विजय देखो अब ये अपने गंगू का बेटा मुन्ना यही हमारे पास रहा करेगा।      पर क्यों पापा? इसका अब कोई नही रहा है।गंगू अपनी पत्नी को सरकारी हॉस्पिटल ले जा रहा था,एक ट्रक की टक्कर से दोनो की मौके पर ही मौत हो गयी, मुन्ना स्कूल गया हुआ था,अब यह तो अनाथ हो गया ना।अब … Read more

निकम्मी औलाद – नेकराम : Moral Stories in Hindi

अम्मा रात के 11:00 बज गए बाबूजी अभी तक काम से नहीं लौटे तब अम्मा बताने लगी कारखाने में फोन कर के पूछ लिया तुम्हारे बाबूजी सुबह कारखाने पहुंचे ही नहीं तुम लोग घर पर ही रहो मैं थाने जाकर रिपोर्ट लिखवा कर आती हूं इतना कहकर अम्मा घर से बाहर निकल गई बड़ा भाई … Read more

भाग्यहीन – निभा राजीव निर्वी : Moral Stories in Hindi

“जाहिल गंवार कहीं की!!! मैंने कौन सी फाइल लाने कही थी और तुम यह क्या लेकर के आई हो… शक्ल के साथ-साथ अक्ल भी घास चरने चली गई है क्या…हे भगवान! यह किसके पल्ले बांध दिया मुझे मेरे मां-बाप ने… मुझसे बड़ा भाग्यहीन कौन होगा जो तुम्हारे जैसी गंवार मेरे मत्थे मढ़ दी गई… अब … Read more

भरोसा – रचना गुलाटी : Moral Stories in Hindi

ज़िंदगी में बहुत से उतार-चढ़ाव आते हैं पर अगर ईश्वर पर भरोसा हो तो मुश्किल दौर से निकलने की शक्ति मिल जाती है। प्रीति की इसी सोच ने उसे जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, नहीं तो शायद वह बस अंदर ही अंदर घुटती रहती या अपनी जीवन लीला समाप्त कर देती। आज … Read more

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