घर का चिराग – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Post View 16,731    बाबूजी,एक बार केवल एक बार मुझे स्वीकार कर लो।मैं जिंदगी से हार गया हूं,मुझे सहारा दे दो बाबूजी मुझे अपना लो बाबूजी।कह कर चिराग फूट फूट कर रोने लगा।       निर्विकार भाव मे खड़े आनंद स्वरूप जी अपने बेटे का अंतर्नाद सुन अंदर तक कांप गये।असमंजस में अंदर उमड़े स्नेह प्यार के भावों … Continue reading घर का चिराग – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi