गलती चाहे किसी की-कुसूरवार बहू ही – कुमुद मोहन
Post View 423 गीता ने घड़ी देखी”हाय राम!सात बज गए?मम्मी पापा मार्निग वाॅक से आ गए होंगे कहकर उठने की कोशिश की तो रमन ने उसे वापस खींच लिया कहते हुए “कोई लाम पे जाना है क्या ?आज संडे है थोड़ी देर और रूको ना?”मन तो गीता का भी था सुबह-सुबह की मीठी नींद की … Continue reading गलती चाहे किसी की-कुसूरवार बहू ही – कुमुद मोहन
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