कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन…” – *नम्रता सरन “सोना”*
“देखो तो अनंता, ये मुझे भुलक्कड़ कहते हैं, अभी मैंने इनसे पूछा कि आपने ऑइनमेंट रखा, तो बोले भूल गया, मैंने पूछा कि, माला रखी, तो बोले भूल गया, अब तुम बताओ , भुलक्कड़ मैं हूं या यह हैं, घुटनों के दर्द का आइनमेंट भूल आए, अब वहां जाते ही लेना पड़ेगा, और माला… उसके … Read more