अतीत का सबक – डॉ. पारुल अग्रवाल
संजना को आज बेटी सांभवी के करुणा से भरे हुए शब्दों और विनती ने आज से लगभग तीस साल पहले पहुंचा दिया था। जब वो बीस बाइस साल की कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा थी। जिसकी दुनिया घर से कॉलेज और कॉलेज से घर तक ही सीमित थी। जिसे कॉलेज में पढ़ने के लिए तो … Read more