एन, जी,ओ, – माता प्रसाद दुबे
रात के बारह बज रहे थे। गीता कमरे में गुमसुम उदास बैठी बार-बार खिड़की से बाहर की ओर देख रही थी। उसका पति रवि अभी तक घर वापस नहीं आया था। उसे अपनी जिंदगी में सिर्फ घनघोर अंधेरा ही दिखाई दे रहा था।दो साल पहले ही उसकी और रवि की शादी हुई थी। एक साल … Read more