अब और नहीं – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “कहां की तैयारी हो रही है?” ज्योति को को बैग में कपड़े डालते हुए देखकर उसके पति देवेंद्र ने पूछा।  ज्योति ने उनकी तरफ देखते हुए कहा-“मैं घर छोड़कर जा रही हूं। चाहती तो आपके बिना बताए रात के अंधेरे में भी जा सकती थी लेकिन मैंने बता कर जाना … Read more

अंधश्रद्धा – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अरे दीदी कहां की तैयारी हो रही हैं..!! बाबा जी के आश्रम जा रही हूं जया तू भी चल इस बार बाबाजी का आशीर्वाद ले आना तेरे बेटे की नौकरी भी लग जायेगी और तेरे पति के साथ तेरे मनमुटाव का हल भी दे देंगे बाबाजी मालती दीदी ने इतनी … Read more

कृष्णा दीदी, एक मुसीबत – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ओफ्फ ओ आज कृष्णा दीदी फिर आ गई क्या मुसीबत है अर्चना बड़बड़ाती हुई अंदर चली गई ।इतने में नीरज की आवाज आई अर्चना जरा चाय बनाना दीदी आई है ।                    चार भाई और तीन बहनों में कृष्णा दीदी दूसरे नंबर की बहन थी और नीरज सब भाई बहनों में … Read more

किसके भाग्य खुले..? – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अरे राधा.. जरा बुलाओ अपनी बहू को.. शगुन देने आई हूं.. सविता जी ने अपनी भाई की पत्नी राधा से कहा…  राधा:  क्या दीदी..? शादी पर तो आई नहीं और अब शगुन देने आ रही हो..? इस शगुन से ज्यादा अरुण और बहू को आपका आशीर्वाद चाहिए था..  सविता जी: … Read more

उड़ान मेरी जारी है – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रोशनी एक पढ़ी-लिखी संस्कारी लड़की। उसके मन में बहुत कुछ करने की चाह, आसमान में उड़ने की चाह। किताबों में बहुत दिल रखती, हमेशा कुछ ना कुछ खोजने की कोशिश करती। उसकी बहुत इच्छा थी पढ़ लिखकर अपने माता-पिता का नाम रोशन करें और अपने पैरों पर भी खड़ी हो … Read more

पता नहीं किस जमाने में जी रही हैं आप! – अनिला द्विवेदी तिवारी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : मधुरिमा जी को उनकी बेटी त्रिशा और बहू मेघा घूमने जाने के लिए तैयारी कर रहीं थी।  दोनों ननद, भाभी मधुरिमा के कपड़े एक सूटकेश में भर रहीं थी। बेटी और बहू आपस में बातें भी करती  जा रहीं थी कि माँ-पापा ने हम भाई-बहन के लालन-पालन, पढ़ाई-लिखाई, शादी-ब्याह आदि … Read more

माता-पिता सम्माननीय हैं – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अरे मंजुला तुझे  क्या बताऊं, मेरा बेटा तो शादी के बाद विल्कुल बदल गया । अब तो उसे कल की आई वह छोरीऔर ससुराल  वाले ही सब कुछ लगे हैं। छोटे-छोटे काम के लिए हर समय  मुझे आवाज देता रहता था अब उसे मेरी जरूरत ही नहीं है। ये सब … Read more

अनकहा प्यार – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा ‘: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : कुछ खोजती आँखे, बात करने का अलग ही अंदाज – जाने कब तुम से प्यार हो गया, खुद मुझको ही पता न चला । अहसास तो शायद तुमको भी था, पर शायद तुम्हारे लिए दोनों की उम्र में दस वर्ष का फासला ही सबसे बड़ी दीवार था । बड़े भैया … Read more

हमसफ़र – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : श्रमजीवी एक्स्प्रेस ट्रेन दिल्ली से पटना जा रहे मलय के कोच में बनारस स्टेशन पर आधी रात में चढ़ने वाली महिला के बर्थ पर बैठते ही उसकी हैलो की आवाज सुन झटका लगा। “सलोनी”…उसने बोलने वाली के चेहरे को देखना चाहा, लेकिन चेहरा दूसरी ओर घूमे होने के कारण देख … Read more

बस अब और नहीं – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : नीरु! तू फिर आ गई?सुशील के मुंह से फिसल गया था अपनी बहन को इतनी जल्दी घर आया देखकर,अभी पिछले हफ्ते ही तो तीन दिन रहकर गई थी,उसने सोचा। लेकिन नीरू बुरा मान गई थी,अच्छा नहीं लगा तो लौट जाती हूं भैया…वो सुबकते हुए बोली,अब अपने मायके आने के लिए … Read more

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