देखो देखो मालती आई है – संध्या त्रिपाठी   : Moral stories in hindi

 बहू तुम मायके जा रही हो तो …वो लाल वाली साड़ी पहन लेना …. और हाँ अपने सोने के गहने भी लेते जाना ….पर मम्मी…. मैं तो वहीं की हूं…. सब मुझे जानते ही हैं….और सब को ये भी पता है…. कि मेरा ससुराल अच्छा है… फिर ये सब दिखाने की क्या जरूरत है…??  अरे … Read more

ख्वाब जो बिखर गये (भाग 1)  – रीमा महेंद्र ठाकुर 

बहुत  चाहा तुम्हें , अब  नही बस तुमने  दिया ही क्या मुझे,    बेबसी”  तुम आये ही क्यू मेरी  जिन्दगी मे ,कुछ भी  तो न चाहा था  तुमसे  ,मैने सिवाय थोडी सी इज्जत और अपनेपन के  अलावा ” अब छोड गये न मुझे  अकेला”  अब कभी वापस मत आना  ! मै अकेली ही अच्छी  हूँ बन्द  … Read more

मुझमें संस्कार है पर आप में नहीं ? (भाग 2 ) – सीमा कृष्णा सिंह

अनिल अलका को बहुत प्यार करता है। वो अलका को समझते हुए कहता मां की बातों को दिल पर लो।मै उनसे बात करुंगा। अलका के आ जाने से उसका देवर नविन और उसके ससुर जी बहुत खुश रहते थे। अलका के ससुर जी अलका को बहू कम बेटी सा मान करते हैं। और नवीन तो  … Read more

मुझमें संस्कार है पर आप में नहीं ? (भाग 1 ) – सीमा कृष्णा सिंह

आज सुबह से ही राधा जी अपनी बहू अलका से बहुत नाराज़ हैं। राधा जी के घर में राधा जी की हुकूमत चलती है। उनके पति सिर्फ उनके नाम के पति.है।. राधा जी के दो बेटे हैं बड़ा बेटा अनिल और छोटा बेटा नवीन…। अलका उनके बड़े बेटे अनिल की पत्नी हैं।अलका और अनिल की … Read more

खूबसूरत रिश्ते – सुषमा यादव: Moral Stories in hindi

सविता की सौत सीता ने सविता को गले लगाते हुए कहा, छोटी, तुमने तो शादी करने के बाद अपना घर-बार ही भुला दिया है, वो घर आज भी तुम्हारा है। तुम अपने घर और हम सबको कैसे भूल सकती हो। तुमने बहुत अच्छा किया जो दूसरी शादी कर ली। अपने ऊपर का कलंक तुमने धो … Read more

अब और नहीं (भाग 2) – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अब तक आपने पढ़ा कि ज्योति अपने बैग उठाकर घर छोड़कर जाने लगती है और उसका पति देवेंद्र जो स्वयं को भाग्य विधाता समझता है वह उसे अपने घमंड के कारण रोकता भी नहीं है।  अब आगे  ज्योति अपने दोनों बैग लेकर निकल गई। घर से निकलते ही उसे पड़ोस … Read more

मायका – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in hindi

नई नवेली दुल्हन मानसी शादी के दो हफ्ते बाद अपने मायके रहने आई , वो मायका जहाँ उसने जिंदगी के पच्चीस साल बिताये , वो मायका जहाँ उसका बचपन बसता है । मानसी कुछ पल को रुक कर भरी आँखों से पूरा घर देखने लगी । सच मे बेटी के लिए कितना मुश्किल होता है … Read more

बसंत को जाने नहीं देंगे! – प्रियंका सक्सेना : Moral Stories in hindi

रजिस्ट्रार ऑफिस से बाहर आते हुए शिखा, “दीप, आज हमारे प्यार को नाम मिल ही गया, अब हम एक दूसरे के साथ पूरी ज़िन्दगी बिताने की ओर बढ़ चले। विधाता ने हम‌ दोनों को एक-दूसरे के लिए ही बनाया है!” “शिखा, तुमने मेरा साथ पग-पग पर दिया, जब सभी  मुझे एक नाकारा अपाहिज समझ कर … Read more

समय का खेल निराला – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in hindi

ये भाग्य वाग्य सब फालतू बातें हैं निकम्मों के बहाने हैं मैं नहीं मानता ये सब मैं तो खुद अपनी तकदीर का मालिक हूं … परिमल जी ने सिगार का कश लेते हुए थोड़े दर्प से कहा तो और तो किसी की हिम्मत नही हुई कुछ कहने की लेकिन उनकी पत्नी मधु जी रोक नही … Read more

तुम स्वयं भाग्यविधाता हो – विभा गुप्ता : Moral Stories in hindi

” देखो कल्याणी….तुम्हारी बेटी को जितना पढ़ना था…हम पढ़ा चुके हैं…अब वह चुपचाप ब्याह करके अपने ससुराल चली जाये, यही सबके लिए अच्छा रहेगा…।” ज्ञानेश्वर बाबू ने कड़े शब्दों में अपने छोटे भाई की पत्नी से कहा।    ” लेकिन जेठ जी….मेरी स्वाति पहले अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती है…उसकी इच्छा है कि…।” सिर पर … Read more

error: Content is Copyright protected !!