एक बार फिर (भाग 5 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi प्रिया का दिमाग शेखर के बारे में सोच सोच कर परेशान हो गया था। कल फिर उससे मिलना होगा। सोचते सोचते वो सो गई अब आगे- अगले दिन सुबह उठी सिर भारी था। ब्लैक टी बना एक बिस्किट खा कर डिस्प्रीन निगल कर वापस लेट गई। आधा घंटे बाद उठी तो … Read more

एक बार फिर (भाग 4 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :प्रिया अपने घर पहुंच कर लॉक खोल ही रही थी कि पीछे से आवाज आई अच्छा तो आप यहां रहती हैं?? अब आगे- आवाज सुनकर उसके प्राण सूख ग‌ए। चाभी हाथ से गिर गई। जल्दी से पीछे घूमी तो लड़खड़ा गई शेखर ने आगे बढ़कर उसे मजबूती से थाम लिया। वो … Read more

एक बार फिर (भाग 3 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : प्रिया कविता के घर लंच पर जाती है। यहां उसकी मुलाकात उस इंसान से होती है जो उसे रास्ते में मिला था। वह कविता की मौसेरी सास का बेटा शेखर है। वापस लौटते हुए देर होने पर न चाहते हुए भी शेखर उसे छोड़ने आता है। अब आगे- आगे जाकर … Read more

एक बार फिर (भाग 2 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

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प्रिया अपनी फ्रैंड कविता से मिलने जाती है। रास्ते में एक जगह गाड़ी खड़ी करके जंगली गुलाब की झाड़ी को देखने लगती है। तभी पीछे से कोई आवाज देता है अब आगे- ऐ मैडम! बीच रास्ते में गाड़ी क्यों रोक दी। वैसे ही इतना संकरा रास्ता है। लगता है कि आप किसी की जान लेकर … Read more

एक बार फिर भाग 1 – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

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Moral stories in hindi  : वो मेरा पहला प्यार था। शायद आखिरी भी जिसे मैंने खुद से ज्यादा चाहा था दी। ये कहते हुए प्रिया का स्वर बुझ गया। निभा ने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया प्यार से उसकी ठोड़ी ऊपर उठाते हुए कहा पगली! तू इतनी खूबसूरत है। कामयाब है पहले की … Read more

अनचाहा रिश्ता (भाग-5) – बेला पुनिवाला : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : तो दोस्तों, अब तक आप सब ने पढ़ा, कि निशांत जब घर आता है, तब नियति चुपके से सोफे पर बैठ के जैसे रो रही थी, मुन्ने के कमरें में जाकर देखा, तो मुन्ना कमरें में नहीं था, वह स्कूल गया हुआ था, थोड़ी देर बाद कमरें के बाहर से … Read more

अनचाहा रिश्ता (भाग-3) – बेला पुनिवाला : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : तो दोस्तों, अब तक आप सब ने पढ़ा, कि मुन्ने ने बड़ी आसानी से अपने पापा निशांत को भावेश अंकल के बारे में सब बताया, कि वह कैसे हमारे इतने अच्छे दोस्त बने और  हमारी मदद करते रहे। निशांत को भी लगने लगा, कि नियति इतनी अच्छी है, उसने आज … Read more

अनचाहा रिश्ता (भाग-2) – बेला पुनिवाला : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : तो दोस्तों अब तक आप सब ने पढ़ा, कि निशांत अपनी पत्नी नियति को सरप्राइज देना चाहता था, मगर निशांत ने घर आकर नियति और भावेश को एक साथ अपने ही घर में, अपने ही कमरें में देखकर वह खुद ही सरप्राइज हो गया। नियति और भावेश ने निशांत को … Read more

अनचाहा रिश्ता (भाग-1) – बेला पुनिवाला : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : एक दिन की बात है। रात का वक़्त था, निशांत के पास अपने घर की एक चाबी हंमेशा से रहती ही थी, तो नियति को सरप्राइज देने के चक्कर में निशांत दबे पाँव घर का दरवाज़ा खोल घर में आ जाता है, निशांत का 5 साल का बेटा मुन्ना अपने … Read more

वसीयतनामा – नन्दलाल भारती ( भाग – 1 ) : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : सुबह मौन थी। सूरज की रोशनी पेड़ों के झुरमुटों से शनै शनै झर रही थी पर किसी को इस अद्भुत प्राकृतिक नजारे से कोई सरोकार न था क्योंकि मुकुल के निष्प्राण शरीर को पुआल बिछा कर लेटा दिया गया था। सब की नजरें मुकुल के मृत शरीर पर टिकी थी। … Read more

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