Post View 164 चार दिन के भीषण कुहासे के बाद जब हल्की धूप निकली थी तो अयोध्या बाबू ने बड़ी राहत की साँस ली।पत्नी कौशल्या से बोले, ” सुनो जी,बड़े दिनों बाद सूर्यदेव के दर्शन हुए हैं, मैं बाहर के असोरे में बैठा हूँ, धूप सेंकते हुए ही तुम्हारे हाथ के गरम-गरम गोभी के परांठे … Continue reading ‘ एहसान ‘ – विभा गुप्ता
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