दूसरा मायका – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi
Post View 691 संयुक्त परिवार में पली-बढ़ी लता बहुत ही संस्कारी थी। सबकी चहेती थी वह, भगवान ने भी रंग रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। दादा-दादी, चाचा-चाची, ताऊ-ताई, छह बहन, पाँच भाई इतना बड़ा परिवार था उसका। परिवार में इतनी बेटियाँ होने के कारण शीघ्र ही उनका विवाह कर दिया जाता … Continue reading दूसरा मायका – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi
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