दुशासन को चीरहरण का मौका नहीं दूंगी। –   अर्चना खंडेलवाल 

Post View 6,170 “जिंदगी के रण में खुद ही कृष्ण और खुद ही अर्जुन बनना पड़ता है…ये लड़ाई मुझे अकेले लड़़नी है और जीती भी है। मैं ये कर लूंगी,अगर औरत ठान लें तो क्या नहीं कर सकती!!! देविका ने अपने आपको विश्वास दिलाया। जतिन की घटिया बातें देविका के मन-मस्तिष्क में कौंध रही थी, … Continue reading दुशासन को चीरहरण का मौका नहीं दूंगी। –   अर्चना खंडेलवाल