दिव्यतारा (भाग-4) – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

Post View 11,430 अब तक आपने पढ़ा —              दादी साड़ी के पल्लू की गांठ खोलने लगी…. आज उसमें से मिचूड़े मिचुड़े 20 ,50 , 100 के कई नोट थे …जो दादी ने जमा किए होंगे… उसे निकाल कर तपन को देते हुए बोली …..इसे एकदम अंदर रखना… आखिरी इमरजेंसी के लिए… और ये सिर्फ पैसे … Continue reading दिव्यतारा (भाग-4) – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi