दिव्यतारा (भाग-4) – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi
Post View 16,019 अब तक आपने पढ़ा — दादी साड़ी के पल्लू की गांठ खोलने लगी…. आज उसमें से मिचूड़े मिचुड़े 20 ,50 , 100 के कई नोट थे …जो दादी ने जमा किए होंगे… उसे निकाल कर तपन को देते हुए बोली …..इसे एकदम अंदर रखना… आखिरी इमरजेंसी के लिए… और ये सिर्फ पैसे … Continue reading दिव्यतारा (भाग-4) – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed