दिल के तार – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Post View 6,806         ” मम्मी जी, पापाजी तो अब रहें नहीं ,तो अब उनकी बात का क्या महत्त्व।एक नौकरी करने वाले परिवार में हमारी पूजा कैसे रह पायेगी।” कविता अपनी सास को समझाते हुए बोली तब पास खड़ी उसकी देवरानी मंजू भी उसकी उसकी हाँ में हाँ मिलाते हुए बोली,” हाँ मम्मी जी..मेरा भी यही … Continue reading दिल के तार – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi