धोखा नहीं अपनापन था  –  तृप्ति शर्मा

Post View 652 तीन बहनों में सबसे छोटा था मयंक बड़ी मन्नतो के बाद हुआ था। खूब लाड और प्यार से पाला मां बाबा ने ।सबका लाडला, घर का चिराग जिसके खिलखिलाने पर पूरा घर खिलखिलाता था जिसके रोने पर पूरा घर बिलख पड़ता।      बेटियां रोशनी थी तो मयंक उजियारा।मां बाबा कहते ,”अब घर पूरा … Continue reading धोखा नहीं अपनापन था  –  तृप्ति शर्मा