देवकन्या (भाग-9) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

Post View 86 मृगनयनी “ ******** मदनिका जैसे जैसे वस्त्र हटाती जा रही थी, वैसे वैसे सौंदर्य बढता  जा रहा था ,जलराशी मे जैसे   चंद्रमा आज खुद उतर आया””” कुवांरी  हमने अबतक आपसे सुन्दर युवती नही देखी, चपला अमरा,की ओर उन्मुख होकर बोली”” वो रूपराशि  के चक्कर में,द्धार बंद करना  भूल गयी”” चंदन और … Continue reading देवकन्या (भाग-9) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi