दस्तक – डॉ. पारुल अग्रवाल

Post View 3,883 संध्या के साथ आज जो भी कुछ घटित हुआ,उससे संध्या के तो मानो पैरों तले ज़मीन ही खिसक गई। उसने आज तक खून का पानी होने वाली कहावत सिर्फ सुनी ही थी पर आज उसने प्रत्यक्ष रूप में अनुभव भी कर लिया। आज उसके ही सहोदर ने उसको ऐसा दर्द दिया था … Continue reading दस्तक – डॉ. पारुल अग्रवाल