डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -70)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

Post View 75 सब कुछ अच्छा जा रहा था। सिवाए इसके कि मेरी जानलेवा उधेड़बुन जारी थी। यह समझ में ही नहीं आता , क्या जीवन इसी उधेड़बुन का दूसरा नाम है ? मैं सारी- सारी रात यही सोचता, ” कि काश वह नहीं घटता जिसे नहीं घटना चाहिए था” तब टूट कर बिखर जाने … Continue reading डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -70)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi