डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -27)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

Post View 135 रोहन के लिए … मैं ठीक थी। बस इतना ही काफी था। लेकिन सासु मां उखड़ी-उखड़ी  रहतीं। मैं अक्सर अपने पेट पर हाथ फेरती पर अब वहां कोई हलचल नहीं मिलती। जब तक घर में रोहन रहते तब तक तो सब ठीक रहता लेकिन उनके घर से निकलते ही , ” हो … Continue reading डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -27)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi