दर्द औरत की बेकद्री का -स्मिता सिंह चौहान

Post View 236 तुम दो दिन से क्या रूआसी सी सूरत लेकर घूम रही हो?खुद को नहीं देखती कि कैसे बात करती हो?अब तो कुछ ज्यादा ही हो रहा है ,हर बात पर कुछ ना कुछ ताने से मारती हो।हमें भी तो चुभती है तुम्हारी बातें?”अनिल ने सुहानी को देखते हुये कहा। “मेरा ना अभी … Continue reading दर्द औरत की बेकद्री का -स्मिता सिंह चौहान