रंग बदलती जिंदगी – संगीता त्रिपाठी

 उफ़्फ़..पीड़ा की एक लहर आई और उसे माँ की याद दिला गई।ऐसे ही माँ भी पीड़ा से गुजरी होंगी। दिलजोत सोच रही थी।पहले कहाँ भान हुआ था, स्त्री के जज्बातों की। वो तो लाडली बेटी थी। माँ, पापा और चाची की।   दिलजोत के पापा दो भाई थे, दोनों में बहुत प्यार था। चाचा मुखविंदर को … Read more

चुनौती – बेला पुनीवाला

एक औरत के लिए सब से बड़ी चुनौती का वक़्त तब आता है, जब उसे अपने पति और बच्चों में से किसी एक को चुनना होता है।              ऐसा ही कुछ हमारी कहानी की नमिता के साथ हुआ है। नमिता एक हाउस वाइफ है और उसके पति निशांत किसी बड़ी कंपनी में जॉब करते है। एक … Read more

हारा हुआ जुआरी – निभा राजीव “निर्वी”

रंजीत बिस्तर पर बैठा गोद में लैपटॉप लिए कुछ काम कर रहा था। वहीं से उसने अनन्या को आवाज लगाकर एक प्याली चाय लाने को कहा। अनन्या ने फटाफट चाय बनाई और चाय लेकर उसके पास पहुंच गई। उसने चाय की प्याली वहीं सिरहाने वाली मेज के पास रख दी और वापस रसोई तक पहुंची … Read more

मृगमरीचिगा – आरती झा आद्या

तू क्यूं नहीं समझ रही है रक्षा, शादीशुदा है वो। जिंदगी बर्बाद हो जाएगी तेरी.. रक्षा के ही दफ्तर में काम करने वाली सुरम्या उसे समझा रही थी। पता नहीं तुझे उससे क्या दिक्कत है सुरम्या। कितना तो ख्याल रखता है मेरा। जब मुझे प्रिय कहकर संबोधित करता है तो ऐसा लगता है जैसे वो … Read more

अधिकारों को आग लगा दी है – गीता वाधवानी

नई नवेली बहू सुरभि घर में आ चुकी थी। आशा जी का बेटा सौरभ उसे ब्याह कर लाया था। सुरभि और सौरभ एक ही ऑफिस में साथ काम करते थे।       आशा जी एक शांत, गहरे व्यक्तित्व की स्वामिनी थी। माथे पर बिंदी, बालों का जूड़ा, दोनों हाथों में सिर्फ एक एक सोने की चूड़ी, गले … Read more

अपने पैसों का तोहफा – रश्मि प्रकाश

‘‘क्या इसी दिन के लिए तुम्हें इतना पढ़ाया लिखाया? अरे बेटा जी जिन्दगी में हर चीज हाथ में मिल जाए तो मेहनत के फल का मोल कैसे जानोगे।’’ बड़े प्यार से नेहा  को उसके पापा समझा रहे थे जो अपने पति से नाराज़ हो कर कुछ देर पहले मायके आ गई थी बात बहुत खास … Read more

वो मनहूस नौलखा – कुमुद मोहन

moral story in hindi

बिस्तर पर लेटी राधा छत पर घूमते पंखे की घूमती पंखुड़ियों को ध्यान से देख रही थी जिनके घूमने के साथ साथ जैसे वक्त का पहिया कई साल पीछे चला गया हो। सोचते सोचते यादों की किताब के पन्ने जैसे एक-एककर खुलने लगे। वक्त की स्याही धुंधली जरूर पड़ गई थी पर शब्दों के निशान … Read more

राखी का अनमोल तोहफ़ा,, ना कभी देखा होगा ना सुना होगा,, – सुषमा यादव

,, मेरे प्यारे भैया, कहां हो तुम ? जहां भी होंगे, अच्छे से ही होंगे,, राखी का त्यौहार आ रहा है, तुम्हारी बहुत याद आ रही है, और उस राखी पर तुमने मुझे ऐसा अनमोल उपहार दिया शायद ही किसी भाई ने आज़ तक अपनी बहन को दिया होगा ,, तुम्हें याद है,जब मैं तुम्हारे … Read more

नींव का पत्थर – नम्रता सरन”सोना

“अरे भाभी! घर का तो नक्शा ही बदल दिया, ऐसा लग ही नही रहा कि यह वही घर है, जहाँ मेरा जन्म हुआ, जहाँ मैं पली- बढ़ी, सब कुछ बदल गया। हाँ,  पर अच्छा किया आपने रिनोवेशन करवाकर” संस्कृति ने चारों तरफ नज़र घुमाते हुए कहा। संयोगवश काफी समय के बाद संस्कृति मायके आई थी, … Read more

स्नेहिल छाँव – सपना शिवाले सोलंकी

“सुनों बहू ,इतनें सालों से खूब संभाल ली इस गृहस्थी को अब मेरे बस की बात नहीं …” रमा ने बड़े ही तल्खी के साथ कहा था। नेहा को सुनकर थोड़ा अजीब तो लगा पर उसनें बड़े ही प्यार से कहा, “जी मम्मी आप समझा दीजिएगा जैसा आप कहेंगी मैं वैसा कर लूँगी” और उस … Read more

error: Content is Copyright protected !!