जानते हैं जी … छोड़ ना तू क्या बताएगी – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

  जानते हैं जी….. जैसे ही शालिनी ने दीपेश से कुछ कहना चाहा…. हां हां छोड़ ना तू क्या बताएगी …..ये रहा फल , मिठाई, ब्लाउज पीस, और पूजा का सारा सामान उधर रख दिया हूं ….ये फल धोना है क्या….?  दीपेश ने शालिनी के काम में हाथ बटाने की कोशिश की…!     कल की बात शालिनी … Read more

तमाचा – शिप्पी नारंग : Moral Stories in Hindi

80 वर्षीय देवीप्रसाद जी का अंतिम संस्कार हो चुका था । घर के लोग वापस घर आ चुके थे और बाहर बरामदे में बैठे थे।  रिश्तेदार अंदर बाहर हो रहे थे । कोई नहाने की तैयारी कर रहा था कोई नहाने गया था, तभी पड़ोस से विमला चाची व उनकी दोनों बहुएं चाय और बिस्किट … Read more

हां मैने ससुरजी को गोद लिया है। – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“बेटा बहुत वक़्त हो गया तुझे यहां आए हुए कुछ दिन के लिए आजा!” सावित्री जी अपनी बेटी पायल से फोन पर बोली। ” पर मां मैं कैसे यहां के हालात तो तुम जानती हो पापाजी की हालत ऐसी नहीं कि उन्हें अकेले छोड़ा जाए!” पायल ने अपनी मजबूरी बताई। ” बेटा पूरा एक साल … Read more

एक महान पुरुष की गाथा – नेकराम : Moral Stories in Hindi

भैया राजौरी गार्डन जाने वाली बस कौन से नंबर की है और किस बस स्टैंड से मिलेगी सड़क किनारे खड़े गुब्बारे बेचने वाले एक अधेड़ से व्यक्ति से मिस्टर अभिषेक ने पूछा मिस्टर अभिषेक का राजौरी गार्डन के बैंक में मैनेजर के पद पर आज पहला दिन था बड़ी मुश्किल और संघर्षों के बाद उसे … Read more

सजा – देवकृष्ण गुप्ता: Moral Stories in Hindi

टिंग-टिंग…. दरवाजे की घंटी बजी , मां ने कहा सरिता जरा दरवाजे पे देखो कौन है। सरिता, जो कि रेनू देवी की बड़ी बेटी है, उसने दरवाजा खोला और कहा,  मां मोहित की टीचर मैम हैं।  मां ने  कहा कि उन्हें गेस्ट रुम में बिठाओ मैं आती हूं; जब ये सब हो रहा था, तो … Read more

जासूसी दिमाग़ – कल्पना मिश्रा : Moral Stories in Hindi

दोपहर का समय था। सब काम खत्म करके मैं बिस्तर पर आराम से लेटी हुई टीवी पर “क्राइम एलर्ट” सीरियल देख रही थी। स्टोरी क्लाइमेक्स पर पहुँच ही रही थी कि अचानक डोरबेल बज उठी। “अब इतनी देर कौन आया है?” झुंझलाते हुए जल्दबाज़ी में आदत के विपरीत बगैर देखे,बगैर जाने पूछे मैंने फटाक से … Read more

पड़ोसन से लिया बदला – नेकराम : Moral Stories in Hindi

दिल्ली के पीतमपुरा में बड़े भाई की शादी को एक महीना बीत चुका था भाभी को लेने के लिए मुझे ही भेजा गया अम्मा ने कहा अपने रिवाज में देवर ही भाभी को उसके मायके से ससुराल लेकर आता है पहले तो मैं आनाकानी करने लगा यह कैसा रिवाज है बड़े भैया को जाना चाहिए … Read more

बेटे की आँखों में आँसू बहू ने ही तो दिए हैं….. – रश्मि प्रकाश: Moral Stories in Hindi

“ बहू अब क्यों नहीं कह रही …तू तो मेरा बहादुर बेटा है,रोना नहीं, क्योंकि लड़के रोते नहीं….।” सुलोचना जी अपनी बहू सुमिता जी से बोल रही थी…कहते कहते अपने पोते रितेश को देख उनकी भी आँखों में आँसू आ गए थे। “ बस माँ… अब और कितने ताने देंगी….अब अंदर से कोई कैसा निकलेगा … Read more

जैसी करनी वैसी भरनी – नेकराम : Moral Stories in Hindi

दुल्हन बनकर जब मैं पहली बार अपने ससुराल आई थी तब अपनी पढ़ाई लिखाई और अपनी सुंदरता पर मुझे बड़ा घमंड था ससुराल में काम करने पर मुझे शर्म महसूस होती थी सारा दिन टीवी से चिपकी रहती थी सासू मां ही घर का सारा काम करती थी — पति तो मेरा मेरी उंगलियों में … Read more

मैं तो डर ही गया था – नेकराम : Moral Stories in Hindi

मुठ्ठी में बीस रुपए दबाए तेज कदमों से घर से कुछ दूर पैदल चलने के बाद संदीप मोहल्ले की एक फोटो स्टूडियो की दुकान के पास आकर रुका दुकान में दो-चार कस्टमर पहले से ही वहां मौजूद थे दुकानदार उनकी फोटो खींच रहा था संदीप थोड़ा जल्दी में था बीस रुपए दुकानदार की तरफ बढ़ाते … Read more

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