सच सामने आ ही जाता है – नेकराम : Moral Stories in Hindi

रात के 10:00 बज चुके थे अस्पताल से छुट्टी होने के बाद मैं जल्दी-जल्दी तेज कदमों से बस स्टैंड की तरफ चल पड़ा सर्दी का मौसम था और ठंडी ठंडी तेज हवाएं भी चल रही थी वहां खड़े एक ऑटो ड्राइवर ने बताया भाई साहब आज यहां बस नहीं आएगी क्यों बेकार में खड़े हो … Read more

बाबूजी की हिम्मत को सलाम – नेकराम : Moral Stories in Hindi

दिल्ली के जमनापार में हमारा एक छोटा सा घर था पढ़ाई पूरी होने के बाद पिताजी ने मुझे जहांगीरपुरी के एक कारखाने में लगा दिया था  पिताजी भी उसी कारखाने में काम किया करते थे उन्हीं दिनों पिताजी ने एक पुरानी स्कूटी खरीद ली थी उसी स्कूटी पर कारखाने जाते हुए मुझे बाबूजी के साथ … Read more

ऊपर की कमाई – नेकराम : Moral Stories in Hindi

सन 2018 मई का महीना था उसी अस्पताल में आज मेरा दूसरा दिन था कल की तरह समय पर आ पहुंचा था गेट पर राकेश जी मिल गए और मीठा मुंह करने की बात कही राकेश जी : ने मुस्कुराते हुए कहा कल तो खूब कमाई की होगी तुमने ,, ऊपर की मेरे सामने एक … Read more

ऊपर की कमाई – नेकराम : Moral Stories in Hindi

पत्नी काफी दिनों से मेरे पीछे पड़ी हुई थी तुम कारखाने की नौकरी छोड़ दो और सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करो आजकल सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी में ऊपर की कमाई बहुत है हमारे पड़ोसी राकेश अंकल अस्पताल में काम करते है बहुत पैसा इकट्ठा कर लिया है उन्होंने मैं आपकी नौकरी की भी बात उनसे … Read more

दो जुड़वा बहने – नेकराम   : Moral Stories in Hindi

अम्मा ने हम दोनों भाइयों को पास बुलाकर कहा देखो अब तुम दोनों शादी लायक हो चुके हो मैं चाहती हूं अब तुम दोनों की शादी कर देनी चाहिए तुम दोनों तो जानते ही हो शहर में यह 100 गज का घर तुम्हारे पिताजी ने कड़ी मेहनत करके तीन मंजिला बनवाया था ताकि तुम्हारी बहुएं … Read more

एकाकीपन – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

सुनो  रवि… देखो तो पापा अपनी चारपाई पर दिख नहीं रहे …. इतनी रात कहां गए होंगे…?? कोई आहट  भी नहीं हुई…. रवि को उठाते हुए उसकी पत्नी रागिनी बोली…. सकपका कर जल्दी से रवि उठा … और वह बाहर आया …. उसने पापा को चारपाई पर न पाकर आसपास ढूंढा… कहां गए रागिनी … … Read more

ठेले वाले के बर्गर – नेकराम : Moral Stories in Hindi

हर मोहल्ले में कोई ना कोई एक व्यक्ति ऐसा जरूर होता है जो हमेशा फोकट का खाना चाहता है कहने का अर्थ है उसे फ्री का सामान चाहिए हमारे ही मोहल्ले की बात है नाम तो उसका शंकरलाल था लेकिन लोग उसे पेटू के नाम से पुकारा करते थे पेट फूल कर उसका गुब्बारा हो … Read more

आधी हकीकत-आधा फसाना – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

  ‘मैं उम्मीद करता हूँ, कि आपने मेरी चिट्ठी को पढ़कर, सोच समझ कर निर्णय लिया होगा, मैं चाहता था आपसे मिलकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दूं, मगर हमारे परिवार के लोगों की दकियानूसी सोच ने यह होने नहीं दिया। बहुत कोशीश की, बड़ी मुश्किल से आपकी माँ को पत्र लिखकर दे पाया। और उन्होंने जब … Read more

दूसरी माँ – डॉ हरदीप कौर : Moral Stories in Hindi

पिंकी और उसके दो छोटे भाई बहन अभी इतने बड़े नहीं हुए थे कि अपने आप को अपनी मां के बिना संभाल पाते। पर भगवान को कुछ और ही मंजूर था। भगवान ने इन मासूम बच्चों से उनकी माता को अपने पास बुला लिया।             पिता ने छोटे बच्चों को पालने-पोसने के लिए दूसरी शादी कर … Read more

ज़ड़ें : मीनाक्षी सिंह Moral Stories in Hindi

क्या काका… आप भी बुढ़ापा आ गया … काकी भी छोड़ कर चली गई … अकेले इस  टूटे-फूटे घर में पड़े रहते हो… पिछली बार भी तुम्हारा बेटा पिंटू आया…. बोला भी कि… चलो पापा  हमारे साथ… चल कर रहो …. लेकिन तुम तो काका अपनी ज़िद  के पक्के… कभी जाते ही नहीं … कितने … Read more

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