सच सामने आ ही जाता है – नेकराम : Moral Stories in Hindi
रात के 10:00 बज चुके थे अस्पताल से छुट्टी होने के बाद मैं जल्दी-जल्दी तेज कदमों से बस स्टैंड की तरफ चल पड़ा सर्दी का मौसम था और ठंडी ठंडी तेज हवाएं भी चल रही थी वहां खड़े एक ऑटो ड्राइवर ने बताया भाई साहब आज यहां बस नहीं आएगी क्यों बेकार में खड़े हो … Read more