जीवनदायिनी बहना  – डॉ उर्मिला शर्मा

हमेशा की तरह अनु ने बच्चों को स्कूल और पति के दुकान पर जाने के बाद अनुराग भैया को फोन लगा उनका हालचाल पूछा। फिर भाभी को फोन लगाई। भैया सम्बन्धी खबर और हिदायतें भाभी को दिया। भैया को लंच तो दिया न, लो सोडियम नमक डालना तो न भूलीं आदि। रोज ही वो इन … Read more

पूर्ण विराम – डॉ उर्मिला शर्मा

पड़ोस में रहने वाले  प्रताप जी जो हाल ही मे रेलवे की नौकरी से रिटायर हुए हैं से अक्सर शाम को पार्क में टहलते हुए मुलाकात हो जाया करती थी और थोड़ी देर उनसे बातें   भी हो जाती थी। जब किसी बात की जल्दी न हो तो उनके साथ पार्क की बेंच पर बैठ … Read more

सपनों से समझौता ** – डॉ उर्मिला शर्मा

  #ख़्वाब एक छोटे से शहर के निकटवर्ती गॉव की नम्रता स्नातक की छात्रा थी। जो रोजाना सायकिल से शहर के कॉलेज में पढ़ने जाया करती थी। औसत दर्जे की पढाई में नम्रता बहुत ही महत्वाकांक्षी लड़की थी। घर में तीन भाई- बहनों में नम्रता सबसे छोटी सबकी चहेती थी। उसका निम्न मध्यमवर्गीय परिवार बुनियादी जरूरतों … Read more

 बेटी बनी मां – डॉ उर्मिला शर्मा

 अपर्णा ऑटो से उतर जल्दी- जल्दी घर जा रही थी। जाने मां को दिनभर में कोई परेशानी या जरूरत तो नहीं पड़ी। हालांकि वह मां को समझाकर आयी थी कि कोई भी परेशानी होने पर वह उसे फोन कर लें। इमरजेंसी में पड़ोसन नीता का भी फोन नम्बर दे रखी थी। उसे ऑफिस में भी … Read more

एकलौता बेटा – डॉ उर्मिला शर्मा

“अरे ! केवल जरूरत भर का सामान रख लो। बेटे के पास जा रही हो। कोई रिश्तेदारी में नहीं। अब से हमारी सारी जिम्मेदारी बेटा लेने वाला है।” – सुरेंद्र सिंह ने गर्व से कहा। उनका बेटा पवन सिंह लगभग पन्द्रह साल पूर्व  दिल्ली में एक छोटी फैक्टरी लगा रखा रखा था। सुरेंद्र सिंह का … Read more

उसकी चीख – डॉ उर्मिला शर्मा       

चित्रकथा आज सुबह जैसे ही योगा करके उठी , किसी औरत के चिल्लाने की आवाज़ सुनाई पड़ी। जल्दी से बालकनी तक गयी तो देखा तो सामने सड़क के उस पार रामबाबू के घर से फिर चीखने की आवाज़ आ रही थी। तभी उनकी पत्नी दौड़ते हुए बरामदे तक आयी और वापस चली गयी। मैं रुककर … Read more

हर काली रात की सुबह होती है –  डॉ उर्मिला शर्मा

माँ मुझे यहाँ से अपने पास बुला लो। यहाँ कुछ भी ठीक नहीं है।”- साधना सविता ने सुबह उठते ही जब साधना का यह मैसेज देखा तो सन्न रह गयी। वह भी अननोन नम्बर से। शायद अपने पति अभिषेक के फोन से साधना ने किया होगा।उसने विनोद जी  को जगाया। वह भी मेसेज देखकर परेशान … Read more

मां मुझे नहीं जाना ** – –डॉ उर्मिला शर्मा

 प्रकाश मेहता और उनकी पत्नी नमिता रात का खाना खाकर सोने की तैयारी कर ही रहे थे कि फोन की घण्टी बजी। नमिता का दिल धड़क उठा। बेटी स्मृति को लेकर मन आशंकित हो गया। फोन प्रकाश जी ने उठाया। “आपकी बेटी ने मुझे कहीं का नहीं छोड़ा। फांसी लगा ली उसने। आकर ले जाएं … Read more

मैं मॉडर्न हूँ  – डॉ उर्मिला शर्मा

 वीकेंड के बाद आज एंजेला को ऑफ़िस का काम निपटाते- निपटाते तीन बजने को आ गये थे। तभी बॉस ने एक ‘इम्पोर्टेन्ट पेपर’ टाइप करने के लिए भिजवाया जिसे आज ही करके देना था। इसे पूरा करने में पक्का दो घण्टे से कम नहीं लगने वाले थे। सोचा था आज जरा जल्दी निकलकर डॉ का … Read more

वस्तु नहीं हूं मैं – डॉ उर्मिला शर्मा

 नववधु कविता को ससुराल आए तीन-चार दिन ही हुए होंगे । मायके में सबसे छोटी व सबकी लाडली वह दुनियादारी ज्यादा कुछ वाकिफ न थी। किस्सों, कहानियों या चलचित्र की रंगीन सपनीली दुनिया सा ख्याल था उसका विवाहित जीवन को लेकर । मध्यम कद की, मध्यम रंग की छरहरी काया,  लंबे घने काले केश, भोली- … Read more

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