पत्नी नहीं मेरी शक्ति…! – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय  : Moral stories in hindi

विनायक एक आम आदमी था। महीने के तीसों दिन कोल्हू के बैल की तरह खटने के बाद बड़ी मुश्किल से महीने के अंत में एक साधारण सी तनख्वाह आती थी, जिससे बड़ी मुश्किल से उसके घर का खर्चा चल रहा था।  बच्चों की पढ़ाई लिखाई, घर का किराया,उसके वृद्ध और बीमार माता पिता की दवाइयाँ, … Read more

चमेली से मिली हिम्मत – के कामेश्वरी   : Moral stories in hindi

चमेली मेरे घर में तीन साल से काम कर रही है । वह मेरे लिए दाएँ हाथ के समान है । वह घर के कामों के अलावा खाना बनाने में और मेरी बेटी की देखभाल में भी मदद कर देती है ।  मैं और मेरे पति दोनों ही दस बजे तक ऑफिस के लिए निकल … Read more

अब दुनिया के सामने रोकर मत दिखा – बीना शर्मा  : Moral stories in hindi

“मम्मी तुम हमें छोड़कर क्यों चली गई?” कहते हुए मीना की बहू पलक कुछ देर पहले ही स्वर्गवासी हुई सास के पास बैठकर जोर-जोर से रो रही थी पत्नी की बात सुनकर उसका पति पंकज गुस्से में बोला” खबरदार जो मम्मी के लिए एक भी आंसू बहाया तो..… सबके सामने इस तरह रोकर अपने  प्यार … Read more

अनामिका – शिव कुमारी शुक्ला : Moral stories in hindi

मम्मी सुनो तो मेरी शादी करवा दो ।हैं तू ये क्या बोल रहा है शादी कर दूं पर किससे । मम्मी लडकी से और किससे । कौनसी लड़की यहाँ कहाँ तुझे लडकी मिल गई। इतने दिनों से मैं जब कह रही थी तो हाथ नहीं रखने देता था अब यहां   एक ही दिन में … Read more

एकता – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

दोपहर का समय श्याम अपने घर एक पुलिया के नीचे बनी छोटी सी झुग्गी में आकर टूटे हुए खाट, जिसके एक ओर का पाया टूट जाने के कारण ईंट लगाकर कामचलाऊ बना लिया गया था, उस खाट के बग़ल में जमीन पर सिर घुटनों में डाल बैठ गया। श्याम के नौ और दस साल के … Read more

भरोसे का खून – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

सुबह सुबह पाँच बजे दरवाज़े की घंटी बजते ही रचिता आँखें मलते हुए उठी और दरवाज़े की तरफ़ बढ़ गई साथ ही साथ बुदबुदाती भी जा रही थी इतनी सुबह सुबह कौन आ सकता है….? दरवाज़ा खोलते ही देखती है सामने पड़ोस में काम करने वाला लखना परेशान सा खड़ा है  “दीदी जी  जल्दी घर … Read more

मेरे दुख किसके ..!! – अंजना ठाकुर : Moral stories in hindi

ललिता अपने कमरे मै उदास बैठी थी !सोच रही थी की क्या कभी कोई उसके भी दर्द को समझेगा पूरी जिंदगी अपने कर्तव्य निभाने मैं ही निकल गई ! ललिता जब शादी हो कर आई तो उसकी उम्र अठारह साल थी !और उस कम उम्र मैं पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसके कंधो पर आ गई … Read more

यादों की पोटली – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

कई वर्षों पश्चात मामा के गाँव आना हुआ। मेरे बचपन का ज्यादा हिस्सा इसी गाँव में बीता है। यहाँ का ताल-तलैया, बडा़ सा… कुमुदिनी कमल ककडी़ …बडी़ छोटी मछलियों से भरा हुआ तालाब… उसमें छलांग लगाकर घंटों अपने हम उम्र बच्चों के साथ जल क्रीड़ा करना… आम महुआ जामुन लीची बेर करौंदे  गुल्लर के बागीचे … Read more

तुम हो मेरी पहचान – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral stories in hindi

रिद्धिमा  किसी से फोन पर बात कर रही थी।बात करते हुए ही वह रो पड़ी। उसे समझ में नहीं आ रहा था किबं वह क्या करे क्या ना करे…!!!  बड़ी मुश्किल से उसने अपने आप को संभाला।  बेटी मेघा दूसरे कमरे में पढ़ रही थी। उसने बड़े मुश्किल से अपने भावनाओं को कंट्रोल में रखकर … Read more

प्यार बोझ नहीं बनेगा…रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

पूर्णिमा की चांदनी… पूरे आकाश पर फैली हुई थी… हल्की-हल्की ठंडी हवा के झोंके… साथ में मस्त चांदनी… राधिका खिड़की खोले बस निहारे जा रही थी… वह जैसे खो सी गई थी… हजार द्वंदों से उलझे हुए मन पर… जैसे यह चांदनी रात की ठंडी हवा अमृत वर्षा कर रही हो… कहीं दूर से हरि … Read more

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