आकाश कुसुम – निभा राजीव “निर्वी” : Moral stories in hindi
विनय ने नई नवेली चमचमाती कार का दरवाजा खोल कर रघुनंदन बाबू और जानकी जी से कहा, “- आइए माँ और बाबूजी! बैठिए इसमें! हर्षातिरेक से रघुनंदन बाबू का कंठ रूंध गया। फिर उन्होंने भरे गले से पुत्र विनय से कहा, “- बेटा पहले तू बैठ न! तूने अपने परिश्रम की गाढ़ी कमाई से आज … Read more