मान मर्यादा – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

सिम्मी खिड़की में खड़ी गली के बच्चों को बारिश में भीगते हुए देख रही थी । अभी कुछ दिन पहले की ही बात है वो भी यूंही मस्ती किया करती थी पानी की फुहारों में और आज एक बहू बनी बैठी है जिसके ऊपर सो बंदिशें हैं! जब जब उसने अपने मन की बात सास … Read more

दादी आज भी दुआएँ ना दोगी ? – रश्मि प्रकाश: Moral stories in hindi

नन्ही मासूम पीहू क्या ही जानती थी कि उसे दुआएँ देने की जगह कोसा जा रहा है आज तो उसका जन्मदिन है पर हर साल की भाँति दादी की तरफ से उसे तोहफे में बस बद्दुआएं ही नसीब होने वाली है । तीन साल की पीहू ये सब क्या ही जाने कि दादी उसके जन्मदिन … Read more

पुरानी सुंदर यादें – गीता वाधवानी : Moral stories in hindi

काफी पुराना किस्सा है। मेरी दादी की एक पक्की सहेली थी जिनका नाम था सरला। उनके बड़े बेटे सुनील का विवाह हो चुका था और अब उनके छोटे बेटे हितेश की शादी थी। हमारे घर विवाह का निमंत्रण पत्र आ चुका था। दादी की सहेली को हम लोग दादी जी ही बुलाते थे।  मेरे डैडी … Read more

कछुआ और खरगोश –  आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

छठी में पढ़ने वाले रोहित के स्कूल बस से उतरते ही उसके सवाल जवाब शुरू हो जाते था। स्कूल में किसने क्या किया! किसे आज सजा मिली। किसे टीचर ने प्यार किया। किससे लड़ाई हुआ, किससे आज से बात नहीं करनी है। आज उसकी नजर में कौन अच्छा बच्चा था, कौन उसे पसंद नहीं है। … Read more

मेरी बेटी घुट घुट कर नहीं जीएगी –   हेमलता गुप्ता : Moral stories in hindi

मां मां… देखो तो पापा को, कितने उतावले हो रहे हैं आज , कितनी बार दरवाजे के चक्कर काट चुके हैं! हां भई.. उनकी लाडली बिटिया ससुराल में पूरे 15 दिन विताकर वापस आ रही है! पता नहीं पापा 15 दिन कैसे रहें रिया के बिना! चुप कर… क्या तू लाडला नहीं है हमारा, अरे.. … Read more

गाँव से अमेरिका तक का सफर – के कामेश्वरी  : Moral stories in hindi

सुरभि के माता-पिता गाँव में रहते हैं।  वहीं के सरकारी स्कूल में सुरभि के पिता रोहन जी शिक्षक थे । एक शिक्षक के लिए तीन लड़कियों को पढ़ाना लिखाना और शादी कराना आसान नहीं था । बड़ी बेटी सुरभि एम एसी करके शहर के एक बहुत बड़ी कंपनी में नौकरी करती थी । रमा और … Read more

दिल तो बच्चा है जी – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

दोनों बेटे की परवरिश, पति की आज्ञा का पालन.. दूसरों के मन मुताबिक चलते चलते विद्या भूल ही गई थी कि उसकी अपनी भी कुछ इच्छाएँ थी। बड़े बेटे सुजय ने अपने ही साथ पढ़ने वाली सौम्या से विवाह किया था। सौम्या अपनी माँ स्वाति की तरह ही बहुत मधुर स्वभाव की थी। उसी शहर … Read more

पश्चाताप – प्रतिभा परांजपे : Moral stories in hindi

सुबह से फोन पर फोन आ रहे थे। आज मेरा  जन्मदिन जो है मम्मी भाभी यहां तक के ननंद का भी फोन आ गया करीबन 2:00 बजे मोबाइल बज उठा ,अंदाज़ तो था ही सुप्रिया का ही होगा । ‘हाय सखी कैसी हो, जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं’ वगैरह बातें हुई।  “और बता ,कितने दिन हो … Read more

तीन बेटों की अम्मा…रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

कितनी ठसक में रहती थी अम्मा…. आखिर तीन बेटों की मां जो थी… अपनी जवानी के दिनों में जब पान चबाती… सर ढके… शान से मटकती निकलती.. तो रमा काकी अक्सर टोक ही देती थी.…” क्या दीदी सुबह-सुबह कहां होली… हम तो अभी तक चौके बर्तन से ही ना उबरे… नहाना धोना ना हुआ… और … Read more

हरे धनिया की सिलबट्टे वाली चटनी – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

       वाह वाह …क्या खाना बनाया है यार इंदु…… मजा आ गया और यह हरे धनिया की चटनी ….वो भी सिलबट्टे वाली…. इसका तो जवाब नहीं…. लीना तारीफ करते नहीं थक रही थी…! बस कर लीना तू कुछ ज्यादा ही तारीफ कर रही है ….इतने लोगों में बस तुझे ही खाना इतना ज्यादा पसंद आया जो … Read more

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