काश मेरी कोई औलाद ही नहीं होती – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

अभी भी रमा बुत बनी वैसे ही भीगी बैठी हुई थी,बदन थर-थर काँप रहा था पर उसे होश ही नहीं था छत से नीचे चली जाए, जाने कब बारिश शुरू हो गई थी और वो ख़्यालों में ही खोई हुई थी,अभी भी ठंडी हवाएँ चल रही थी पर बारिश थम चुकी थी,तभी उसे अपना नाम … Read more

फर्ज – आर कान्ता नागी: Moral stories in hindi

मनोरमा देवी घर की मुखिया थी।वह जो कहती सबको मानना ही पड़ता था।उनके पति अमरनाथ जी नामी वकील होने के साथ साथ रहमदिल इंसान भी थे।आज तक उन्होंने कोई भी केस हारा नही था। अमरनाथ जी अमीरों से दुगुनी फीस लेते थे और गरीबों का केस फीस लिए बिना लड़ते थे।इस प्रकार उन्होंने कितने घरों … Read more

कभी तो बहू की तारीफ कीजिए – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

 अंजना जब से अपनी ननद के घर से लौटी है नई नवेली बहू नव्या की तारीफ करते नहीं थक रही हैं। छोटी बुआ की बहू नव्या बड़ी सुंदर है और जितनी सुंदर है उतनी गुणी भी है, व्यवहार तो पूछो मत एक – एक गरमा गरम फुल्के थाली में लाकर परोसती थी …..और तो और … Read more

मैंने जो गलती की तुम उसे नहीं दोहराना – के कामेश्वरी: Moral stories in hindi

सुधा डिग्री कॉलेज में इंग्लिश लेक्चरर थी । कॉलेज ख़त्म होने के बाद वह इंग्लिश स्पीकिंग कोचिंग सेंटर में सिखाने जाती थी। सुबह की निकली रात को आठ बजे तक पहुँचती थी । अकेली रहती थी क्योंकि पिछले दो साल में माता-पिता दोनों का स्वर्ग वास हो गया था । वह उनकी अकेली संतान थी … Read more

पापा मुझसे नफरत करते हैं – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

बेटियां तो पापा की परी होती हैं,, ,,उनका अभिमान और गौरव होती हैं,, ,,, फिर ऐसा क्या था कि उसके पापा अपनी बेटियों को अभिशाप समझते थे,, उनसे नफ़रत करते थे,,, ,,, चलिए,,,मिलते हैं एक ऐसे ही पापा से,,, ,,, मेरी हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी हुई थी, दिल्ली में,, मुझे लगभग छः महीने तक नीचे झुकना … Read more

किस्मत का करिश्मा – मुकुन्द लाल : Moral stories in hindi

देवांश अपनी शिक्षा-दीक्षा पूरी करने के बाद रोज़ी-रोटी के लिए प्रयत्न करने लगा। लम्बा-चौड़ा सुगठित बदन और मजबूत कद-काठी होने के कारण उसने सिपाही और दरोगा की नौकरी के लिए प्रयास शुरू कर दिया, किन्तु कभी वह फिजीकल में छट जाता तो कभी लिखित परीक्षा में। इस तरह उसकी आकांक्षा पूरी नहीं हो सकी । … Read more

पगली – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

सब लोगों का झुरमुट लग गया था उस विशाल बरगद के पेड़ के चारों ओर,रेलवे स्टेशन की भीड़भाड़ आज ,अचानक उस चबूतरे के चारों ओर थी जहां वो “पगली “बैठा करती थी रोजाना, जाड़े, गर्मी,बरसात,कैसा भी मौसम हो वो वहीं रहती, दीन दुनिया से बेखबर,उलझे बाल,फटी हुई धोती पहने,धंसी हुए बेनूर आंखों से शून्य में … Read more

मां… – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

छोटा सा शहर जो गांव की संस्कृति और आत्मा को जिंदा रखा था वहीं जन्म हुआ था शांभवी का.. दादा दादी चाचा चाची सब एक हीं घर में एक साथ रहते थे.. पिता मां भगवती के उपासक थे .. पहली संतान जब बेटी हुई तो नाम रखा शांभवी! बेहद शांत सहनशील और ठंडे स्वभाव की … Read more

मेरा कसूर क्या था? – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

 भैया ने कुछ शादी के कार्ड थमाते हुये कहा, “लगे हाथ इसे भी बांटते आना, छोटू तुम्हारे साथ जा रहा है… तुम्हारी मदद कर देगा। “ छोटे बड़े सामानों की सूची… पैसा भाभी ने मुझे पहले ही थमा दिया था… ड्राइवर गाड़ी में थैले रख रहा था। आज ही मैं आई हूं। भैया की बेटी … Read more

प्यार का मौसम – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“नीले गगन के तले.. धरती का प्यार पले”, गुनगुनाता पार्थ अपनी मस्ती में चला जा रहा था। धरा गुनगुनाते पार्थ की आवाज़ सुनकर अपनी पढ़ाई छोड़ झट से अपने कमरे की खिड़की पर आ खड़ी हुई। पार्थ और धरा पड़ोसी थे.. . धरा स्नातक की द्वितीय वर्ष की छात्रा थी और पार्थ इंजीनियरिंग पूर्ण कर … Read more

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